Saturday, July 26, 2025

वैदिक दर्पण

अंक, ग्रह और भाग्य – एक सहज परिचय

स्तोत्र

स्तोत्र

श्री शिव चालीसा

॥ दोहा ॥श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।कहत अयोध्या दास तुम्ह, देहु अभय वरदान॥ ॥ चौपाई ॥जय गिरिजा पति

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मंत्र, स्तोत्र और आरतीस्तोत्र

श्री हनुमान चालीसा

श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि।बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि॥बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।बल

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